हमारे पास पृथ्वी की सतह का 148 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षैत्र है।
लेकिन उसमें से लगभग 50 मिलियन वर्ग किलोमीटर पर बर्फ और रेगिस्तान का कब्जा है।
फसलों की खेती के लिए वर्तमान में 16 मिलियन वर्ग किलोमीटर का उपयोग किया जाता है।
34 मिलियन वर्ग किलोमीटर वर्तमान में चराई के लिए उपयोग में है।
इस प्रकार प्रभावी रूप से हमारे पास इस 148 mskm में से 50 मिलियन वर्ग किलोमीटर से कम भूमि की सतह ही है; जिसमें हर प्रकार के जंगल भी सम्मिलित हैं।
लेकिन वर्तमान मानव सभ्यता को बनाए रखने और मानव गतिविधियों द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड के संतुलित उपयोग करने हेतु, लगभग 70 मिलियन वर्ग किलोमीटर अतिरिक्त वृक्षारोपण की आवश्यकता है; जो हमे डेड़ पृथ्वी की आवश्यक्ता की मूर्खतापूर्ण कल्पना की और धकेलता है।
तो विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण (या हर तरह के वृक्षारोपण) को करना या उसका दिखावा करना हमें मूर्ख बनाना ही नहीं है क्या?
इसीलिए इस बड़ी चुनौती का समाधान सिर्फ और सिर्फ ईकोनगर ही है।
अर्थात